Golalare
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Golalare (Sanskrit गोलाराडे, Hindi गोलालारे ) is a Jain community of Bhadawar and Bundelkhand region in India.[1] Their original center is the Bhind-Etawa region on the banks for the Chambal river.[2][3] Some of them have migrated to Bundelkhand region[4]
A section of the Golalare are now known as Kharaua. Some of the bhattarakas of Balatkara Gana who had a seat at Ater and Rura, were born in this community.[5]
According to some of the inscriptions, the Golalare are descendants of the ancient Ikshvakus.[6]
सिद्धेभ्यः श्री ...सम्वत् 1525 वर्षे चैत्र सुदी 15 मूलसंघे सरस्वती गच्छे बलाकार गणे श्री कुन्दकुन्दाचार्यान्वये आम्नाय भट्टारक श्री प्रभाचंद्र देवा ततो पट्टे .. भट्टारक श्री सिंहकीर्ति यतीश्वरा तेषाम् उपदेशात् श्री गोपाचल महादुर्गे श्री तोमरान्वये महाराजाधिराज श्री कीर्तिसिंह विजयराजे। ...सिद्ध प्रतिष्ठा श्री इक्ष्वाकु वंशोन्दवा गोलारोड ति मद्ये संघातिपति पम ॥श्री॥ ...सुहाग श्री तत्पुत्रा माणिक सं. अश्वपति सं. कुषराज सं.... ये तषाम मध्ये संघादिपतियम्। भूपतयः बंधु निज पुत्र पौत्रो श्री पार्श्वनाथ तीर्थश्वरम् नित्यं पूज्याम् प्रणमति श्री शांति रस्तु शिवम् सुख नित्य आरोग्य भवतु... सिद्धरस्तु शत्रु निवारन कुल गोत्र वंशादष्टु इति श्री राजा श्रावक प्रजासुखी नो भवन्तु धर्मोवृद्धिताम् श्री॥ A Gwalior Fort Inscription Samvat 1525 [7] |
See also
References
- ↑ Sangve Vilas Adinath, Facets of Jainology : Selected Research Papers on Jain Society Religion and Culture, Popular Prakashan, 2001
- ↑ पंचामृत अभिषेक को उमड़े भक्त, 30 Sep 2012, Amar Ujala, 12:00 http://m.newshunt.com/Amar+Ujala/Etawah/16830964/991
- ↑ श्री दिगम्बर जैन खरौआ समाज का इतिहास, रामजीत जैन, १९९०.
- ↑ श्रमण संस्कृति की परम्परा में मडावरा,मंदिर नं १० नीचे पुरा का मंदिर, https://sites.google.com/site/madawara/11-jaina-mandirom-ka-itihasa
- ↑ झम्मन लाल तर्कतीर्थ, लवेंचू दि. जैन समाज का इतिहास, विक्रम सं. २००८
- ↑ http://hindi.webdunia.com/religion/religion/jainism/0708/11/1070811035_1.htm - A Gwalior Fort Inscription Samvat 1525, एक पत्थर की बावड़ी (दक्षिण-पूर्व समूह)
- ↑ "एक पत्थर की बावड़ी (दक्षिण-पूर्व समूह)". Hindi.webdunia.com. Retrieved 2012-04-22.